Karnataka: कर्नाटक के बीदर जिले में एक छात्र को सीईटी परीक्षा में शामिल होने से रोका गया, क्योंकि उसने जनेऊ (पवित्र धागा) उतारने से मना कर दिया। यह घटना 17 अप्रैल को साईं स्फूर्ति पीयू कॉलेज में हुई, जिसके परिणामस्वरूप कॉलेज के प्रिंसिपल और एक कर्मचारी को निलंबित कर दिया गया।
घटना का विवरण क्या हुआ उस दिन?
17 अप्रैल को, जब सुचिव्रत कुलकर्णी नामक छात्र गणित की परीक्षा देने पहुंचे, तो परीक्षा केंद्र के कर्मचारियों ने उनसे जनेऊ उतारने का अनुरोध किया। छात्र ने कई बार विनती की, लेकिन उसे परीक्षा में बैठने की अनुमति नहीं दी गई। उन्होंने कहा, "यह पवित्र धागा है, और इसे उतारना मेरे लिए अस्वीकार्य है।" 45 मिनट तक प्रयास करने के बावजूद, उसे परीक्षा में बैठने नहीं दिया गया और अंततः उसे बिना परीक्षा दिए लौटना पड़ा।
परिवार की प्रतिक्रिया परिवार का आक्रोश
छात्र की मां, नीता कुलकर्णी ने इस मामले पर विरोध जताते हुए कहा, "मेरे बेटे ने समझाया था कि यह पवित्र धागा है, लेकिन उन्होंने नहीं माना। अब हम सरकार से अनुरोध करते हैं कि या तो उसे फिर से परीक्षा दिलवाई जाए या उसे अच्छे कॉलेज में दाखिला दिलाया जाए।"
निलंबन की कार्रवाई प्रिंसिपल और स्टाफ का निलंबन
छात्र की शिकायत के बाद, बीदर जिले के अधिकारियों ने कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. चंद्र शेखर बिरादर और स्टाफ सदस्य सतीश पवार को निलंबित कर दिया। यह कदम राज्य सरकार द्वारा उठाया गया है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।
शिवमोगा में समान घटना शिवमोगा में भी हुई ऐसी ही घटना
इसी तरह की एक और घटना शिवमोगा में हुई, जहां दो होमगार्डों ने छात्रों से जनेऊ उतारने के लिए कहा। इस घटना के बाद दोनों होमगार्डों को निलंबित कर दिया गया। डिप्टी कमिश्नर ने बताया कि सीसीटीवी फुटेज से यह पुष्टि हुई कि गार्डों ने बिना उचित जानकारी के यह कदम उठाया था। हालांकि, बाद में प्रधानाचार्य ने हस्तक्षेप किया और छात्रों को जनेऊ पहने हुए परीक्षा देने की अनुमति दी।
केंद्रीय मंत्री की प्रतिक्रिया केंद्रीय मंत्री का बयान
केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने इस घटना की कड़ी आलोचना करते हुए इसे "अत्यंत निंदनीय" बताया। उन्होंने कहा, "यह कर्नाटक सरकार की छद्म धर्मनिरपेक्षता को दर्शाता है। छात्रों से जनेऊ हटवाना बेहद गलत है।" उन्होंने यह भी कहा कि छात्रों के इस अधिकार का उल्लंघन नहीं होना चाहिए था और ऐसे मामलों का समाधान निकाला जाना चाहिए।
राज्य सरकार की समीक्षा प्रक्रिया राज्य सरकार की समीक्षा
कर्नाटक राज्य के अधिकारियों ने इस घटना की आंतरिक समीक्षा शुरू कर दी है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि परीक्षा के दौरान सांस्कृतिक या धार्मिक पोशाक को लेकर कोई गलतफहमी न हो। कर्नाटक परीक्षा प्राधिकरण ने इस मामले पर अभी तक कोई आधिकारिक टिप्पणी नहीं की है, लेकिन यह उम्मीद जताई जा रही है कि जल्द ही इस मुद्दे पर कार्रवाई की जाएगी।
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