Next Story
Newszop

डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन के खिलाफ चीन और भारत के छात्रों ने मिलाया हाथ, दायर किया मुकदमा, जानें पूरा मामला

Send Push
वॉशिंगटन: अमेरिका के डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन के खिलाफ भारत और चीन के छात्रों ने मुकदमा कर दिया है। तीन भारतीय और दो चीनी छात्रों ने अमेरिका के डिपार्टमेंट ऑफ होमलैंड सिक्योरिटी और इमिग्रेशन अधिकारियों के खिलाफ F-1 वीजा स्टेटस मुद्दे पर मुकदमा दायर किया है। छात्रों का आरोप है कि अधिकारियों ने एकतरफा तरीके से सैकड़ों अंतरराष्ट्रीय छात्रों के F-1 स्टूडेंट स्टेटस को खत्म कर दिया है। सरकार के इस फैसले से उन्हें पढ़ाई करने और नौकरी ढूंढने में परेशानी हो रही है। ऐसे में कोर्ट इस संबंध में ट्रंप प्रशासन को आदेश दे।छात्रों की मदद ACLU नाम की संस्था कर रही है। ACLU (अमेरिकन सिविल लिबर्टीज यूनियन) की ओर से न्यू हैम्पशायर के यूएस डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में दायर मुकदमे में कहा गया है याचिकाकर्ताओं के F-1 स्टेटस को एकतरफा और गैरकानूनी तरीके से खत्म करने से उनकी वैध छात्र स्थिति खत्म हो गई है। छात्र इससे वह ना केवल इमिग्रेशन हिरासत और निर्वासन के खतरे का सामना कर रहे हैं बल्कि गंभीर वित्तीय और शैक्षणिक कठिनाइयों से भी जूझ रहे हैं। छात्रों का यह भी आरोप है कि वे अपनी डिग्री के बावजूद OPT (ऑप्शनल प्रैक्टिकल ट्रेनिंग) प्रोग्राम में काम नहीं कर पा रहे हैं। छात्रों ने क्या कहा हैभारतीय छात्र लिंकिथ बाबू गोरेला ने याचिका में दावा किया है कि उनके मास्टर प्रोग्राम की ग्रेजुएशन की तारीख 20 मई है। वैध F-1 स्टूडेंट स्टेटस के बिना वह ना तो अपनी डिग्री प्राप्त कर सकते हैं और ना ही OPT कार्यक्रम में भाग ले सकते हैं। भारतीय छात्र थानुज कुमार गुम्मावल्ली और मणिकंता पसुला को मास्टर डिग्री पूरी करने और OPT कार्यक्रम में भाग लेने से पहले केवल एक सेमेस्टर बचा है लेकिन उनकी ग्रेजुएशन अनिश्चित है। अगर कोर्ट उनकी मदद नहीं करता तो उनकी डिग्री अधूरी रह जाएगी।चीनी छात्र हांगरुई झांग का कहना है कि उनकी आय का एकमात्र स्रोत रिसर्च असिस्टेंटशिप है, जो उनके F-1 स्टूडेंट स्टेटस के खत्म होने के बाद बंद हो गई है। वकीलों ने कहा कि सरकार ने विदेशी छात्र की कानूनी स्थिति को समाप्त करने से पहले आवश्यक नोटिस नहीं दिया। छात्रों ने सरकार पर आरोप लगाया है कि उन्हें बिना किसी पूर्व सूचना के वीजा रद्द कर दिया गया। सरकार का यह फैसला गलत है। इस पूरे मामले पर ACLU का कहना है कि सरकार का यह कदम मनमाना और गैरकानूनी है। अमेरिकी सरकार को छात्रों को उनका वीजा वापस देना चाहिए ताकि वे अपनी पढ़ाई पूरी कर सकें और अपना भविष्य बना सकें। यह मामला फिलहाल कोर्ट में है और देखना होगा कि कोर्ट इस पर क्या फैसला सुनाता है।
Loving Newspoint? Download the app now